Ae Musafir Tu Hi Role | Nazm by Ayisha Abdul Basith | Written & Composed by VEECEES Ayisha Debut single - A Nazm beautifully written & composed by VEECEES. Recorded by Mr. Retheesh Roy at SIENNA Studio Al Nahda. Lyrics - ऐ मुसाफिर तू ही रोले तेर खातिर कोई ना रोते ऐ मुसाफिर तू ही रोले तेर खातिर कोई ना रोते मंज़िलों को ढूँढ़ते ही मस्जिदों से दूर ना हो मंज़िलों को ढूँढ़ते ही मस्जिदों से दूर ना हो ऐ मुसाफिर तू ही रोले तेर खातिर कोई ना रोते बर्बादी की रास्तों पर चलते चलते जो तक गये बर्बादी की रास्तों पर चलते चलते जो तक गये बस सहारा उनको मिलता जो रब से मांगे चाहतों को बस सहारा उनको मिलता जो रब से मांगे चाहतों को ऐ मुसाफिर तू ही रोले तेर खातिर कोई ना रोते दिल की राहत ढूंढ़कर तू मैखाने में मत चलो दिल की राहत ढूंढ़कर तू मैखाने में मत चलो दिल की ख़ालिक़ से ही मांगो लाजवाब हैं वो खजाना दिल की ख़ालिक़ से ही मांगो लाजवाब हैं वो खजाना ऐ मुसाफिर तू ही रोले तेर खातिर कोई ना रोते मंज़िलों को ढूँढ़ते ही मस्जिदों से दूर ना हो ऐ मुसाफिर तू ही रोले तेर खातिर........ Translation - O traveler, cry for yourself as no one will cry for your pains. in your search for a shelter be not away from your lord. one who is tired wandering the path of troubles & destructions (remember) only those find peace who seek their wishes from lord! In the pursuit of repose, do not walk into pubs. Ask peace of heart with the maker your heart Wow..In him lie hidden all the treasures!
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People & Blogs | Upload TimePublished on 2 Jan 2019 |
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